शिकोहाबाद शहर का पुराना नाम मोहम्मद माह था(आज भी तहसील में ये नाम मौजूद है)इसकी स्थापना मुगल शासक शाहजहां के बड़े बेटे और औरंगज़ेब के भाई दारा शिकोह ने की थी शिकोहाबाद एक वक्त मुगल सल्तनत की छावनी हुआ करता था।
ये प्रारंभ मे मैनपुरी जिले की तहसील (उपजिला) थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने इसे 5 फरवरी 1989 को नवनिर्मित जिले फिरोजाबाद में इसे शामिल कर दिया, शिकोहाबाद को यदुवंशियों की छोटी राजधानी भी कहते हैं|
ब्रिटिश शासन काल में मैनपुरी की अनेक रियासतों पर अहीर क़ाबिज़ थे। मैनपुरी इलाके में 19 अहीर रियासतें थीं। इन्ही अग्रणी अहीरों ने अन्य प्रदेशों के अहीर शासकों के साथ मिलकर देश के अन्य हिस्सों के पिछड़े अहीरों के उत्थान व कल्याण हेतु अखिल भारतीय यादव महासभा की स्थापना की, जिसका पहला अधिवेशन वर्ष 1912 में शिकोहाबाद में ही हुआ था। संस्था में कुल 29 लाख सदस्य हैं|
शिकोहाबाद क्षेत्र में 2 प्रमुख अहीर रियासते क्रमशः भरौल और उरावर रियासत थी | उरावर रियासत का संबंध रेवाड़ी हरियाणा राजघराने से है, उरावर व भारौल रियासतों के राजा बहुत बड़े भू भाग के स्वामी थे|
- चौधरी श्याम सिंह यादव, उरावर रियासत के जमींदार थे | इन्होने 10 जुलाई 1916 अपने लगान से 700 रुपये अनुदान मंजूर किया। जिससे शिकोहाबाद में अहीर कालेज की स्थापना की गयी ,जिसकी भव्यता देखने लायक़ है|
- ठाकुर गजराज सिंह यादव (रूपधनी रियासत एटा), उनके बेटे कुंवर कृपाल सिंह यादव|
- चौधरी कामता सिंह यादव (भरौल, मैनपुरी),
- कुंवर प्रताप सिंह यादव (गंगा-जमुनी रियासत)चौधरी शमशेर सिंह यादव, कुंवर सुलतान सिंह यादव, चौधरी दिलावर सिंह, चौधरी बिशन सिंह यादव, चौधरी रणजीत सिंह, चौधरी दलवीर सिंह, चौधरी वीरभद्र सिंह, चौधरी गंधर्व सिंह यादव(ठिकाना, आगरा और कुंवर जसवंत सिंह यादव,
- समेत 19 अन्य यदुवंशी जमींदारों ने अपने-अपने लगान से कॉलेज को दान दिया था |
- इन रियासतों के राजा जमींदार कृष्ण भगवान के वंशज हैं
क्षत्रिय अहीर कॉलेज, शिकोहाबाद उन दिनों कॉलेज ब्रिटिश शासन की संपत्ति था, आज जहाँ कॉलेज की ईमारत दिख रही है वहाँ कभी ब्रिटिश आर्मी की छावनी हुआ करती थी | चौधरी श्याम सिंह यादव जी ने अपनी पहुँच व शाख के दम पर अंग्रेजो से छवनी की सैकड़ों बीघा जमीन खरीद "अहीर क्षत्रिय कॉलेज " के निर्माण हेतु दान में दी थी |
पहले कॉलेज में केवल लड़कों को प्रवेश मिलता था बाद में इसके दरवाजे लड़कियों के लिए भी खुल गए |कुछ दशकों बाद अहीर कॉलेज ने अपना नाम बदलकर एके कॉलेज कर लिया. माना जाता है कि एके अहीर-क्षत्रीय के लिए प्रयोग किया गया. हालांकि कॉलेज आज भी अपने पुराने नाम से ही लोकप्रिय है |
शिकोहाबाद के बाद देश में तीन अन्य अहीर कॉलेज रेवाड़ी (हरियाणा) 1945, मदुरई (तमिलनाडु) और मछलीपट्टनम (आंध्र प्रदेश) में खोले गए. पैसे का बंदोबस्त तब की यादव रियासत एवं जमीदारो ने किया था |
10 जुलाई 2016 को कॉलेज के शताब्दी समारोह में उत्तर प्रदेश के निवर्तमान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाग लिया और कहा कि जिस कॉलेज में उनके पिता पढ़े हैं उसे वो यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाने की कोशिश करेंगे | उनके पिता श्री मुलायम सिंह यादव न केवल इसी कॉलेज के छात्र रहे बल्कि शिकोहाबाद से 1993 में चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री भी बने थे |
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